Nawab aur lekhak ki vishesta

मित्र!  
आपका उत्तर इस प्रकार है-
 
नवाब साहब अपनी का अमीरी रोब झाड़ते रहते थे। उनको मिथ्या आडम्बर और प्रदर्शन करना पसंद था। लोगों को अपनी शानो-शौकत दिखाना अच्छा लगता था। लेखक क्रांतिकारी विचारधारा से सम्बन्ध रखते थे। वे स्वाधीनता संग्राम में अपनी कलम के माध्यम से जुड़े हुए थे। इस कारण लेखक कई बार जेल की यात्रा भी कर आए। लेखक स्पष्टतावादी थे तथा जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे।

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