Neha jiiii
Kavitha mein kya drushya prasthut kiya gaya hai?(yah kavitha ka naam chandra gahna se loutthi ber)
Shukriya..
मित्र हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं।
एक बार लेखक चंन्द्र गहना नामक गाँव से आ रहा होता है। उसे वहाँ प्रकृति अपनी ओर आकर्षित करती हुई प्रतीत होती है। उसे एक ठिगना चने का पौधा दिखता है, जिसके सर पर गुलाबी फूल साफे के भांति लगता है। वह दुल्हे के समान प्रतीत होता है।वहीं पास में अलसी का पौधा है जो सुन्दर युवती के भांति लगता है। खेत में सरसों का पौधा विवाह योग्य लड़की के समान लगता है। उसकी रेल भी समीप ही से गुजरती है। पास में तालाब की शोभा देखने लायक है। किनारे पर पत्थर पड़े हुए हैं, मछली की ताक में बगुला चुपचाप खड़ा है। दूर सारस के जोड़े का स्वर सुनाई दे रहा है इत्यादि।