nibandh on mobile phone ek achacyi ya burayi

आज का 'वैज्ञानिक युग', नए-नए आविष्कारों व तकनीकों का जन्मदाता है। इस वैज्ञानिक युग ने मनुष्य के जीवन को एक परिष्कृत जीवन शैली दी है। मानव सभ्यता में आरम्भ से आज तक बहुत ही बदलाव हुए हैं पर आज की स्थिति आदिम काल के समय से सर्वथा भिन्न व सुविधापूर्ण है। आदिम कालीन मनुष्य को अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। उसके लिए उस समय का जीवन इतना सरल व सुविधापूर्ण नहीं था। उसे कदम-कदम पर नित नई परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था परन्तु इन कठिनाईयों ने उसे अपने जीवन को सरल व सुविधापूर्ण बनाने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे अपनी नई खोजों व आविष्कारों के रूप में बदलाव लाने में सफलता प्राप्त करने लगे। इन सब पड़ावों से गुजरते हुए उसने स्वंय के लिए जीवन और भी सरल व सुविधापूर्ण बनाने में सफलता अर्जित कर ली। उसके नई खोजों की सबसे बड़ी खोज है 'मोबाइल फोन'।
मोबाइल फोन ने मीलों की दूरियों को समाप्त कर दिया है। विज्ञान के कारण आज यह मात्र बात करने का उपकरण नहीं है अपितु उसके अंदर और तकनीकी बदलाव कर इसे इतना आधुनिक बना दिया गया है कि हम इसके माध्यम से विभिन्न अवसरों की फोटो व विडियो रिकाडिंग कर सकते हैं। जहाँ चाहे वहाँ रेडियो का मज़ा इस उपकरण के माध्यम से ले सकते हैं। मोबाइल के ज़रिये हम ई-मेल कर सकते हैं व अपने कार्यालय को इसके माध्यम से सुचारू रूप से चला सकते हैं। यदि कोई विपत्ति आन पड़े तो मोबाइल के माध्यम से तत्काल सहायता के लिए किसी को बुला सकते हैं। ये हर कदम पर हमारे लिए बहुपयोगी बन गया है।
अत्यधिक सुविधा भी कभी असुविधा का कारण बन सकती है। जहाँ इसके लाभ है, वहीं इससे होने वाली हानियाँ भी हैं। इसके अत्यधिक प्रयोग से कान सम्बन्धी रोग होते हैं, मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। मोबाइल से उत्पन्न कंपन के कारण मनुष्य का एकांत समाप्त हो गया है। फोन सदैव साथ होने के कारण हर स्थान पर बज उठता है। कई बार तो कार चलाते हुए मोबाइल पर बात करने से दुर्घटना होने का डर बना रहता है। अपराध जगत में भी इसका अनुचित प्रयोग होने लगा है। बच्चों द्वारा इसके अंधाधुंध प्रयोग ने उनकी भाषा पर विपरीत असर डाला है। मोबाइल पर अत्यधिक बात करने के कारण वह अपना समय बर्बाद करते हैं जिससे उनकी शिक्षा पर भी इसका दुष्परिणाम देखने को मिलता है।
मोबाइल फोन विज्ञान की सुन्दर देन है। यह हमारी सुविधा के लिए ही बनाया गया है। परन्तु इसका अनुचित प्रयोग सम्पत्ति की भांति हमारे लिए नुकसान का भी कारण बन सकती है। इसलिए हमें चाहिए कि हम इसका प्रयोग अपनी आवश्यकताओं के आधार पर करें न कि दिखावे के लिए।

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