nilkant  sabka  mitra  va  saurashak  kase  bana?

मित्र नीलकंठ धीरे-धीरे सभी जीव-जंतुओं का संरक्षक तथा मित्र बन गया । वह प्रतिदिन सबको दाना दिए जाने वाली जगह पर ले जाता था। वह सदैव सबकी सहायता करता था तथा गलती होने पर वह दूसरे जीव-जंतुओं को सज़ा भी देता था। 

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POSTURE OR GESTURE ( ANYTHING )
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