यह बहुत सच है कि केवल पहनने वाले को पता है कि जूते कहाँ चुराता है। दर्शक केवल सलाह दे सकते हैं या मजाक कर सकते हैं, लेकिन व्यक्ति द्वारा महसूस किया जाने वाला दर्द समझा नहीं जा सकता है। कहानी 'द लेटर' अली में अपनी बेटी से एक पत्र की प्रतीक्षा है, जिसने शादी की और पांच साल पहले चले गए। पत्र के बारे में पूछताछ के लिए अली रोज़ाना डाकघर जाता है। डाकघर के सभी कर्मचारी उसे उपहास करते हैं और उस पर हंसते हैं। जब नया पोस्ट मास्टर आता है, तो उसे भी अली के बारे में बताया जाता है। वे सभी अली को पागल आदमी कहते हैं। बाद में, जब पोस्ट मास्टर की बेटी बीमार हो जाती है, तो वह उसके बारे में खबरों के लिए अधीरता से इंतजार कर रहा है। अब वह अली द्वारा महसूस की गई चिंता और पिता के दिल के दर्द को समझता है। यह केवल तब होता है जब आपको ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जिसे आप दूसरों की हालत का एहसास करते हैं।