paragraph writing on swargh sa bachpan
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
मनुष्य के जीवन का कोई काल यदि स्वर्णिम होता है, तो वह बचपन होता है। बचपन में मनुष्य अपनी इच्छा से खाता है, अपनी इच्छा से खेलता है और अपनी इच्छा से ही सोता है। बचपन वह अनमोल वस्तु है जो प्रकृति की देन है। इसका कोई मोल नहीं है। बचपन में सबसे निश्छल प्यार मिलता है। बचपन में सारी चीजें बहुत अच्छी लगती हैं। बाद में इसकी याद ही रह जाती है। सारा संसार उस समय बहुत आनंदमय लगता है।
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मनुष्य के जीवन का कोई काल यदि स्वर्णिम होता है, तो वह बचपन होता है। बचपन में मनुष्य अपनी इच्छा से खाता है, अपनी इच्छा से खेलता है और अपनी इच्छा से ही सोता है। बचपन वह अनमोल वस्तु है जो प्रकृति की देन है। इसका कोई मोल नहीं है। बचपन में सबसे निश्छल प्यार मिलता है। बचपन में सारी चीजें बहुत अच्छी लगती हैं। बाद में इसकी याद ही रह जाती है। सारा संसार उस समय बहुत आनंदमय लगता है।