Path top ki vyakhya kijia

मित्र!
'​तोप' कविता में तोप के माध्यम से कवि हमें सांस्कृतिक धरोहर का ध्यान रखने के लिए कहता है। तोप कहती है कि वह कभी बहुत शक्तिशाली हुआ करती थी। उसकी गूँज से ही शत्रु भाग जाया करते थे। वह कंपनी बाग के किले की रखवाली करती थी। आज समय बदल गया है और वह शांत हो गई है। उसका महत्व भी समाप्त हो गया है। आज वह कंपनी बाग में प्राचीन धरोहर के रूप में रखी हुई है। यहाँ पर अब उसकी उपेक्षा होती है। उसे पूरे साल में सिर्फ दो दिन ही साफ़ किया जाता है। वर्षभर सैलानी उसे देखने आते हैं। अब वह लोगों के देखने के काम आती है। इसके अतिरिक्त बच्चे तथा चिड़ियाँ उस पर खेला करते हैं। इससे हमें सीख मिलती है कि समय एक सा नहीं रहता है। जो कभी शक्तिशाली होता है उसका भी पतन का समय आता है। 

  • 2
What are you looking for?