Patra In hindi on telling younger brother on being swablambhi.

मित्र हम आपको इस विषय पर पत्र लिखकर दे रहे हैं। 

4/37, जनकपुरी,

नई दिल्ली।

दिनांक: ...........

प्रिय अमन,

बहुत प्यार!

कल तुम्हारे मित्र से मुलाकात हुई। उससे ज्ञात हुआ कि आजकल तुम्हारा मन पढ़ाई में न लगकर अावारा लड़कों के साथ यहाँ-वहाँ घूमने में लगता है। तुम अपने व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत आलसी तथा लापरवाह होते जा रहे हो। तुम्हारे इस कार्य से घर में सभी दुखी हैं।

तुम जानते हो कि जीवन में पढ़ाई का कितना महत्व है। पढ़-लिखकर ही तुम अपने पैरों पर खड़े हो पाओगे। जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है। जो व्यक्ति आत्मनिर्भर होता है वह अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीता है। स्वावलंबन बहुत परिश्रम से प्राप्त होता है। जीवन में संघर्ष करके ही महान हस्तियाँ अपना नाम बनाने में कामयाब हुई हैं। इसलिए तुम्हें भी अपने भविष्य को लेकर अभी से जागरुक हो जाना चाहिए। 

हमारे माता-पिता ने तुम्हें पढ़ने के लिए शिमला के सबसे अच्छे विद्यालय में भेजा है ताकि तुम्हारा भविष्य संवर सके। आशा करता हूँ कि तुम अागे से अपने काम स्वयं करोगे तथा पढ़-लिखकर एक सफल व्यक्ति बनोगे। 

तुम्हारा शुभचिंतक भाई,

विपिन

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