Pavas ke drishya ko kavi ne indrajaal kyu maana hai

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
इंद्र बादलों के देवता हैं। माना जाता है कि उनकी कृपया से ही बारिश होती है। इसी कारण से कवि ने पावस के दृश्य अर्थात पर्वतों में बारिश के दृश्य को इंद्रजाल कहा है। बारिश के समय में पर्वतों का सौंदर्य इतना बढ़ जाता है कि लोग उसके मोह में फंस जाते हैं। अतः कवि ने इसे इंद्र द्वारा रचित जाल माना है।

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