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मित्र हमारे पास इस विषय में अध्ययन सामग्री नहीं है। अतः हम आपको यह उपलब्ध नहीं करवा सकते हैं। इनके विषय में थोड़ी जानकारी आपका उपलब्ध करवा रहे हैं।-
मित्र किसी भी कविता या काव्य को पढ़ने के बाद जिस आनन्द की प्राप्ति होती है, उसे रस कहते हैं। हिन्दी साहित्य में रस नौ प्रकार के होते हैं। इनके नाम हैं-श्रृंगार रस, हास्य रस, करुण रस, रौद्र रस, वीर रस, भयानक रस, वीभत्स रस, अद्भुत रस, शांत रस। इसके अतिरिक्त भक्ति तथा वात्सल्य को भी रस माना गया है।
मित्र किसी भी कविता या काव्य को पढ़ने के बाद जिस आनन्द की प्राप्ति होती है, उसे रस कहते हैं। हिन्दी साहित्य में रस नौ प्रकार के होते हैं। इनके नाम हैं-श्रृंगार रस, हास्य रस, करुण रस, रौद्र रस, वीर रस, भयानक रस, वीभत्स रस, अद्भुत रस, शांत रस। इसके अतिरिक्त भक्ति तथा वात्सल्य को भी रस माना गया है।