Please Answer given Question Experts.

उत्तर -


भिक्षावृत्ति का शाब्दिक अर्थ है ‘भीख माँगने की प्रवृत्ति’ अर्थात् भीख मांगकर जीवनयापन करना भिक्षावृत्ति कहलाता है। प्राचीन काल में भिक्षावृति तथा भिक्षा देने का कार्य पुण्य माना जाता था। लोगों का मानना था कि कोई भी अपने दरवाजे से खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए। इसका प्रमाण तो रामायण में भी मिलता है, जब सीता माता भिखारी के वेश में आए रावण को दान देने के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ तक पार कर गई थी। ऋषि मुनियों के आश्रम में ब्रह्मचारी तथा संन्यासी भीख माँगकर ही जीवनयापन करते थे तथा जिसके यहाँ भीख माँगने कोई भी आता था वह स्वयं को धन्य समझता था। अध्ययनशील विद्यार्थी को भिक्षा देना अथवा लेना इसलिए उचित समझा जाता था क्योंकि विधाध्ययन के पश्चात् वह देश की सेवा करेगा। आज के समय में परिस्थिति कुछ और ही है। आज हमें हर किसी को भिक्षा नहीं देनी चाहिए। आज भिक्षावृत्ति को एक रोज़गार के रूप में अपना लिया गया है। कुछ मजबूर लोगों, बच्चों और महिलाओं से जबर्दस्ती भिक्षावृत्ति करवाई जाती है और लाभ कमाया जाता है। इसके लिए हर गलत काम किया जाता है। जैसे बच्चों को चुराकर उन्हें इसी भिक्षावृत्ति में लगाया जाता है। इसालिए हमें इस अपराध की रोकथाम करनी चाहिए। केवल ज़रूरतमंद लोगों केो ही कुछ देना चाहिए।
 

  • 0
What are you looking for?