Please answer question 6
6.   'तीसरी कसम' फिल्म' को देखकर उसकी समीक्षा कीजिए। साथ ही यह भी बताइए कि इस फ़िल्म में आप क्या बदलाव देखना पसंद करेंगे?
 

मित्र!  
हम इस फिल्म के लिए अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं-
 
‘तीसरी कसम’ के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु हैंl आज लगभग 50-60 वर्ष बीत जाने के  बाद भी ये दर्शकों को उतना ही रोमांचित करती है। इस फिल्म में निश्छल प्रेम की कथा दिखाई गई है। ‘तीसरी कसम’ फिल्म में प्रेम की भावना को कई रूपों में दिखाया गया है।प्रेम को कभी भी अपनी मर्यादा को लांघते हुए नहीं दिखाया गया है। प्रेम को पाने के लिए आसमान से तारे तोड़ने की बातें नहीं की गई हैं। इस फिल्म में खुशबू की तरह  प्रेम को महसूस करना दिखाया गया है। प्रेम प्रदर्शन की वस्तु नहीं वरन आंतरिक भाव है। इस फिल्म को छोटा करके और सुंदर बनाया जा सकता था। 

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