Please answer the encircled question.

मित्र! 
आपका उत्तर इस प्रकार है-

अहिंसा और सत्य का मार्ग ही शाश्वत है। इनपर चलने के लिए आदर्श बहुत ऊँचे होने चाहिए। आजकल लोग व्यवहारिकता में आदर्श मिलाकर उसे ऊँचा कर देते हैं। लेकिन आदर्शों को कभी व्यवहारिकता के स्तर पर नहीं उतारना चाहिए। जैसे शुद्ध सोने में मजबूती लाने के लिए उसमें तांबा मिलाना पड़ता है, उसकी प्रकार अपने आदर्शों में व्यवहारिकता का समावेश कर सकते हैं। 

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