Please answer this from bharat ki khoj
मित्र अकबर एक वीर और साहसी राजा था। अकबर का दरबार आम राजाओं की तरह नहीं था अपितु बहुत ही वैभवशाली था। अकबर दरबार के अंदर की बातें ही नहीं सुनता था, वह बाहर समाज में लोगों के भीतर पल रहे विचारों को भी जानना चाहता था। अकबर एक खुले झरोखे से लोगों को संबोधित करता था और उनकी बातों को ध्यान से सुन कर उन पर विचार करता था। अकबर का व्यक्तित्व बहुत प्रतिभावान और साहसी था।