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मित्र!
इस पाठ से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें सभी धर्मों का आदर करना चाहिए तथा किसी भी कार्य को करनेेेे के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। वीर कुंवर सिंह ने अपनी सेना में अन्य धर्मों के लोगों को भी स्थान दिया था। इन्होंने धार्मिक सहिष्णुता की बहुत अच्छी मिसाल कायम की। इन्होंने 80 साल की उम्र में स्वतंत्रता के लिए जमकर लड़ाई की थी। इनके बल और पराक्रम के आगे समस्त जन नतमस्तक हो गए।
इस पाठ से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें सभी धर्मों का आदर करना चाहिए तथा किसी भी कार्य को करनेेेे के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। वीर कुंवर सिंह ने अपनी सेना में अन्य धर्मों के लोगों को भी स्थान दिया था। इन्होंने धार्मिक सहिष्णुता की बहुत अच्छी मिसाल कायम की। इन्होंने 80 साल की उम्र में स्वतंत्रता के लिए जमकर लड़ाई की थी। इनके बल और पराक्रम के आगे समस्त जन नतमस्तक हो गए।