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मित्र!
शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि एक बार शेख अयाज के पिता कुएँ से नहाकर लौटे। खाना खाने बैठे। उन्होंने देखा कि एक काला च्योंटा उनकी बाज़ू में चल रहा था। उन्होंने कहा कि मैं पहले इसे इसके घर छोड़ कर आता हूँ, फिर खाना खाऊँगा।
शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि एक बार शेख अयाज के पिता कुएँ से नहाकर लौटे। खाना खाने बैठे। उन्होंने देखा कि एक काला च्योंटा उनकी बाज़ू में चल रहा था। उन्होंने कहा कि मैं पहले इसे इसके घर छोड़ कर आता हूँ, फिर खाना खाऊँगा।