Please answer this question!!


प्रिय मित्र!

आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

 कबीर दास जी ने समाज में फैली बुराइयों के प्रति अपनी साखियों के माध्यम से रोष प्रकट किया है। कबीर दास ने इस संसार में प्यार और सद्भावना का प्रचार करने के लिए साखियाँ लिखीं हैं।  संसार का दुःख, आपस का बैर-भाव, अहंकार, स्वार्थ इत्यादि सब समाप्त करना चाहते थे। वह साखियों के माध्यम से समाज को जागृत करना चाहते थे। वह कहते थे सभी ईश्वर की संतान है, छोटा बड़ा कोई नहीं है। सब बराबर है। कबीर दास जी की साखियों में नीति वाणी होती है। वे कहते हैं कि ईश्वर हमारे भीतर ही है। कबीर दास संसार में प्यार और सद्भावना का प्रचार करने के लिए लिखते थे। आज भी उनकी सखियाँ उपयोगी हैं क्योंकि मनुष्य आज भी इन बुराइयों में घिरा हुआ है। मनुष्य के अंदर वही सारे अवगुण आज भी हैं, जिनकी कबीर दूर करना चाहते थे। अपनी सखियों के माध्यम से वे आज भी समाज को जागृत कर रहे हैं।  

  • 0
What are you looking for?