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11. निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा । को नहि जान बिदित संसारा ।।
माता पितहि उरिन भये नीकें । गुररिनु रहा सोचु बड़ जी कें ।
सो जनु हमरेहि माथे काढ़ा । दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढ़ा ।।
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली । तुरत देउँ मैं थैली खोली ।
(क) लक्ष्मण ने परशुराम पर क्या व्यंग्य किया ?
(ख) यहाँ किस गुरु-ऋण की बात हो रही है उसे चुकाने के लिए लक्ष्मण ने परशुराम को क्या उपाय सुझाया ?
(ग) माता पितहि उरिन भये नीकें” पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
अथवा
तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढस बँधाता कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर ।
(क) राख जैसा' किसे कहा गया है और क्यों ?
(ख) तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ' - का भाव स्पष्ट कीजिए ।
(ग) उसका गला' में उसका किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
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