please do question 5
5. बिना टिकट रेल-यात्रा करने वाले एक यात्री तथा टिकट-निरीक्षक के बीच हुए संवाद को लिखिए।
6. यमक और श्लेष अलंकारों में अंतर स्पष्ट करें।
प्रिय मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
टिकट निरीक्षक – कृपया टिकट दिखाइए।
यात्री – महोदय! मुझे आगरा तक ही जाना है।
टिकट निरीक्षक – अच्छी बात है आपको आगरा तक जाना है। टिकट दिखाइए।
यात्री – महोदय! टिकट खरीद कर मैंने अपनी कमीज़ की जेब में रखा था। अब टिकट जेब में नहीं है।
टिकट निरीक्षक – ओह! टिकट नहीं है। देखिए साहब! इस तरह के बहाने बनाने से काम नहीं चलेगा।
यात्री – बहाना नहीं साहब। सच कह रहा हूँ।
टिकट निरीक्षक – कोई यहाँ है जिसने आपको टिकट खरीदते हुए देखा हो।
यात्री – नहीं। मैं तो किसी को जानता भी नहीं हूँ।
टिकट निरीक्षक – फिर तो एक ही रास्ता है। आप पूरा हर्जाना भरिए और मज़े से सफर करिए।
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
टिकट निरीक्षक – कृपया टिकट दिखाइए।
यात्री – महोदय! मुझे आगरा तक ही जाना है।
टिकट निरीक्षक – अच्छी बात है आपको आगरा तक जाना है। टिकट दिखाइए।
यात्री – महोदय! टिकट खरीद कर मैंने अपनी कमीज़ की जेब में रखा था। अब टिकट जेब में नहीं है।
टिकट निरीक्षक – ओह! टिकट नहीं है। देखिए साहब! इस तरह के बहाने बनाने से काम नहीं चलेगा।
यात्री – बहाना नहीं साहब। सच कह रहा हूँ।
टिकट निरीक्षक – कोई यहाँ है जिसने आपको टिकट खरीदते हुए देखा हो।
यात्री – नहीं। मैं तो किसी को जानता भी नहीं हूँ।
टिकट निरीक्षक – फिर तो एक ही रास्ता है। आप पूरा हर्जाना भरिए और मज़े से सफर करिए।