please explain the last poem of 'vir kuvar singh'

मित्र हम आपको इस कविता का अर्थ लिखकर दे रहे हैं।
वीर कुँवर सिंह दुश्मनो को जीतता हुआ शहीद हो गया। उसका चित्र देखकर आज भी दुश्मन डर के कारण काँपने लगते हैं। यह मातृभूमि जिसने उस वीर योद्धा को जन्म दिया वह धन्य है। वह वीर योद्धा भी धन्य है जिसने अपनी वीरता से देश को दुश्मनों से बचाया। हम उसकी वीरगाथा कल भी गाते थे और आज भी गाते हैं। वे स्वतंत्रता सेनानी थे तथा देश को आज़ाद कराना चाहते थे। आज सब लोगों को ये बात पता है कि वीर कुँवर सिंह बहुद वीर योद्धा था। 

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