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प्रिय विद्यार्थी,


इस काव्यांश में में वियोग श्रृंगार रस का उपयोग हुआ है। जब श्री कृष्ण गोपियों को अकेले छोड़ गए और उद्धव जी कृष्ण जी का सन्देश लेकर पहुँचे तो उन्होंने श्री कृष्ण जी के आने की बात बताने के स्थान पर योग सन्देश देने लगे जिससे गोपियाँ अधिक दुखी हो गईं। वे श्री कृष्ण जी से अपने मन की बात कहना चाहती थी लेकिन कृष्ण जी के संदेशे को प्राप्त करके उनके मन की व्यथा मन में ही रह गई। इस व्यथा को गोपियों द्वारा व्यक्त किया गया है। 

आभार। 

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