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उच्च स्तरीय प्रश्न
1. लेखक आत्मविनाश के साथनों के आविष्कार की योग्यता को मानव की संस्कृति मानता है। किन मूल्यों के अभाव में वह ऐसा मानता है?
2. लेखक जिस मानव संस्कृति की बात करता है उसकी रक्षा के लिए वह किन मूल्यों पर बल देता है?
3. वर्तमान में संस्कृति का जो रूप या अर्थ ग्रहण किया जाता है लेखक उसे कूड़े–करकट का ढेर मानता है। वर्तमान संस्कृति में वह ऐसे कौन से नकारात्मक मूल्य देखता है कि उसे यह संस्कृति कूड़ा करकट लगती है?

मित्र!
हम एक बार में केवल एक प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं। आपके पहले प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
जिन लोगों के अंदर मानवता, प्रेम आदि भावों की कमी होती हैं, वे ऐसे आत्मविनाश के साधन तैयार करते हैं। उनका स्वयं से संबंध होता है, अन्य लोगों से उनका कोई संबंध नहीं होता है। उन्हें बस अपने स्वार्थों की पूर्ति चाहिए। इसके लिए पूरी मानव जाति का नाश हो जाए।
 

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