please give me 2 poems on madhur vani

सबसे मीठा मीठा बोल ऐ मेरी रसना तू, सबसे मीठा-मीठा बोल, 
मीठी प्यार की बोली, होती है अनमोल. 

वाणी से होती बन्दे की पहचान है,
मीठे वचन की कीमत, हीरे-मोती सामान है,
कड़वे वचन का जग में कौड़ी नहीं है मोल.

बोलों में तू अपने अमृत का रस भर ले ,
मीठे नगमे गाकर खुद को पावन कर ले ,
कड़वेपन का विष तू वाणी में न घोल .

गीत सुरीले गाकर कोयल चहके जैसे ,
मीठापन अपना कर तू भी चहक ले ऐसे ,
जीत ले हर एक मन को , जब भी लैब तू खोल .

वाणी मधुर है जिसकी , सतगुरु को भाता है ,
जीवन सफल होता है , जग में यश पाटा है ,
कड़वेपन को लेकर तू न "जगाटी " में दोल .

ऐ मेरी रसना तू , सबसे मीठा -मीठा बोल ,
मीठी प्यार की बोलइ , होती है अनमोल .

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Grounds for Sculpture" and "Valedictions Forbidding Mourning" are by madhur vani
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1)कोयल कुहु-कुहु है गाती

मीठे-मीठे गीत सुनाती

उसकी मीठी मीठी बोली

हर दिल को है लुभाती

मधुर वाणी प्यारे बच्चो

सबके कानो को है भाती

कौआ काँव काँव चिल्लाता

हर कोई उसको दूर भगाता

उसकी कर्कश वाणी बच्चो

नही किसी को है सुहाती

सदा ही सबसे मीठा बोलो

हर दिल के तुम ताले खोलो

​2) सबसे मीठा मीठा बोल ऐ मेरी रसना तू, सबसे मीठा-मीठा बोल, 
मीठी प्यार की बोली, होती है अनमोल. 

वाणी से होती बन्दे की पहचान है,
मीठे वचन की कीमत, हीरे-मोती सामान है,
कड़वे वचन का जग में कौड़ी नहीं है मोल.

बोलों में तू अपने अमृत का रस भर ले ,
मीठे नगमे गाकर खुद को पावन कर ले ,
कड़वेपन का विष तू वाणी में न घोल .

गीत सुरीले गाकर कोयल चहके जैसे ,
मीठापन अपना कर तू भी चहक ले ऐसे ,
जीत ले हर एक मन को , जब भी लैब तू खोल .

वाणी मधुर है जिसकी , सतगुरु को भाता है ,
जीवन सफल होता है , जग में यश पाटा है ,
कड़वेपन को लेकर तू न "जगाटी " में दोल .

ऐ मेरी रसना तू , सबसे मीठा -मीठा बोल ,
मीठी प्यार की बोलइ , होती है अनमोल .
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