please give me the answer for anumaan and kalpana in page 32

पुस्तक में 'अनुमान और कल्पना' में दिए गए प्रश्नों के उत्तर यदि हम आपको देगें तो आप स्वयं से कुछ नहीं कर पाओगे। इन प्रश्नों को पुस्तक में देने का उद्देश्य ही यह होता है की विद्यार्थी अपनी समझबूझ का प्रयोग कर इन्हें हल करें, इससे उनका बौद्धिक विकास होता है। यही कारण है हमने इन प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए हैं।
'अनुमान और कल्पना' के प्रश्नों के अन्दर विद्यार्थियों से पूछा गया है की आप होते तो क्या करते, क्या सोचते और स्वयं अनुमान लगाइए। यहाँ विद्यार्थियों को अपने से सोच-समझकर उत्तर देने को कहा गया है। हर विद्यार्थी का सोचने का तरीका भिन्न होता है। यदि हम उन प्रश्नों का उत्तर देते हैं तो विद्यार्थी स्वयं की सोच का प्रयोग नहीं करेगा। इस तरह से विद्यार्थी की सोच सिमट कर रही जाएगी। इसलिए हमारी यही कोशिश है की वह इसे स्वयं हल करे।

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