Please give pratipadya of poem Agnipath in detail
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
यह पाठ हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित है। इसमें कवि ने मनुष्य को जीवन संघर्ष में सदा लड़ते रहने की सीख दी है। उसके अनुसार मनुष्य को चाहिए जीवन के संघर्ष में सदा बढ़ता रह तभी उसकी जीत संभव है। उसके अनुसार यह संघर्ष अग्निपथ के समान है, जिस पर चलकर मनुष्य सोने के समान बन जाता है।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
यह पाठ हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित है। इसमें कवि ने मनुष्य को जीवन संघर्ष में सदा लड़ते रहने की सीख दी है। उसके अनुसार मनुष्य को चाहिए जीवन के संघर्ष में सदा बढ़ता रह तभी उसकी जीत संभव है। उसके अनुसार यह संघर्ष अग्निपथ के समान है, जिस पर चलकर मनुष्य सोने के समान बन जाता है।