PLEASE HELP!

3-ठाकुरबारी के महंत को हरिहर काका के परिवार के प्रति रोष के विषय में कब ज्ञात हुआ और उसने क्या कहकर हरिहर काका के मन में उनके परिवार के प्रति जहर भरा?

मित्र!
हमारे एक मित्र ने भी आपके प्रश्न का उत्तर दिया है। हम भी अपना विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

हरिहर काका अपने भाइयों के साथ रहते थे। एक बार हरिहर काका के भतीजे का मित्र घर पर आया। उसके लिए स्वादिष्ट भोजन तैयार हुआ। हरिहर काका ने सोचा आज उनको भी स्वादिष्ट भोजन खाने को मिलेगा। सबके खाना खा लेने के बाद, हरिहर काका के सामने भात, मट्ठा और अचार रखा गया, जिससे वह नाराज हो गए। थाली आंगन में फेंक कर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। ठाकुरबारी के पुजारी ने यह बातें सुनी और जाकर महंत को विस्तार से सब बताया। महंत ने हरिहर काका से कहा कि तुम बहुत धार्मिक विचार वाले व्यक्ति हो। माया-मोह के बंधन में क्यों पड़े हो। इस संसार में कोई किसी का नहीं है। भाई, बेटे, पत्नी, इत्यादि सभी पैसे के लोभी होते हैं। जब तुम पैसे देना बंद कर दोगे, ये सब तुमसे मुँह फेर लेंगे।   

  • 1
Jab choti bahu dwara harihar kaka ko rookha sookha khaane ko diya gya us wakt harihar kaka ko kaafi gussa aya or unhone apne aangan me jaakar zor se thaal ko phaika jisse saare padosi unhe dekhkar dang rh gaye.tabhi yeh baat poore gaaw me fel gai or yeh baat phir thaakur baari ke mahant ko bhi pta chal gai or jab harihar kaka raste me jaa rhe the to mahant ji ne unhe roka or thaakur baari le jaakar unke man me yh khkr unke parivar ke prati jahar bhara ki sansar me bhai bandhu,beta beti,patni koi kisi ke sage nhi h.sb apna swarth poora krne ke liye he kisi ki madad krte h
  • 2
What are you looking for?