please i want the short summary of kaidi or kokila

'कैदी और कोकिला' कविता स्वतंत्रता से पूर्व की कविता है। इसके कवि माखनलाल चतुर्वेदी हैं। यह अंग्रेज़ी सरकार द्वारा भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर किए जा रहे अत्याचारों और यातनाओं का दुखद चित्र प्रस्तुत करती है। यह कविता हमारे देश के लोगों द्वारा किए गए बलिदानों और योगदानों से हमारा परिचय कराती है। कवि एक स्वतंत्रता सेनानी है, जिसे आंदोलन में भाग लेने के कारण कारावास में डाल दिया गया है। कारावास का दमघोटू वातावारण उसके मन में अंग्रेज़ी सरकार के प्रति अंसतोष और क्रोध पैदा करता है। वह अचानक कारावास में रात्रि के समय कोयल की आवाज़ सुनता है। कोयल को माध्यम बनाकर वह अपने ह्दय की बात को रखता है। उसके अनुसार हमें क्रांति का गीत गाना चाहिए। पूरे देश को क्रांति के गीत के द्वारा जगाने का प्रयास करना चाहिए। उनके अनुसार जिस तरह से मैं इस कारावास में अप्रसन्न हूँ, शायद यह कोयल भी अप्रसन्न है। तभी यह रात्रि में चीख रही है। यह कविता उस समय बहुत लोकप्रिय हुई थी।

  • 33
What are you looking for?