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लेखक ने धूल की विशेषता बताकर मनुष्य को उससे जोड़ना चाहा है। यदि मनुष्य अपने देश की मिट्टी तथा धूल का सम्मान करना सीख जाएगा, तो वह स्वयं ही देशभक्ति भावना से ओत-प्रोत हो जाएगा। यहाँ बात जुड़ाव की है, जुड़ाव से ही प्रेम भावना उत्पन्न होती है।