Please...... Savitri Ma'am, Give me a Short descripition or summary of the chapter.... NANA SAHEB KI PUTRI DEVI MYNA KO BHASM KAR DIYA GAYA............ its urgent.. please ma'am

इस पाठ में लेखिका ने 1857 के विद्रोही नेता धुंधूपंत नाना साहब की साहसी और निडर कन्या देवी मैना के विषय में लिखा है। हमारी मातृभूमि को इस बात का गौरव प्राप्त है कि उसने साहसी और पराक्रमी वीरों को जन्म दिया है। इन वीरों के योगदान के कारण ही भारत स्वतंत्रता प्राप्त कर पाया। ऐसे ही वीरों में कुछ वीरागंना स्त्रियों और कन्याओं का नाम भी सम्मिलित है। इन्होंने अपने बलिदान से लोगों को अपने सम्मुख झुकने पर विवश कर दिया था। उनके बलिदान से उत्पन्न गौरव हमारे लिए सम्मान की बात है। मैना देवी ऐसी ही एक साहसी बालिका है। यह जानते हुए कि अंग्रेज़ी सरकार इनके पिता और परिवार के खून की प्यासी हैं। ये डरी नहीं और निर्भयतापूर्वक अपने घर को बचाने के उद्देश्य से सामने आईं। उन्हें मृत्यु का भय नहीं था। उन्हें तो अपने घर का मोह था। यह वह वीर बालिका है, जिसने मृत्यु को सहर्ष गले लगाया था। लेखिका चपला देवी द्वारा मैना के बलिदान को सबके सम्मुख रखने के उद्देश्य से यह पाठ लिखा गया है। वह अपने कार्य में सफल भी रही हैं।

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