Please tell me essay on this topic

मित्र हम कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं बाकी आप स्वयं लिखने का प्रयास कीजिए-  

 हमारे देश में जिस तरह से विकास हो रहा है ठीक उसी प्रकार यहाँ पर अपराधों की संख्या भी दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ रही है। यहाँ पर रहने वाले नागरिक रात में तो क्या दिन में भी सुरक्षित नहीं है। लोग चकाचौंध से प्रभावित होकर जल्दी दौलतमंद बनना चाहते हैं। अपराध के माध्यम से कम समय में अधिक धन कमाया जा सकता है। आज के समय में हत्या तथा चोरी के ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं, जिनमें शिक्षित युवाओं का हाथ रहा है। स्त्रियाँ सुरक्षित नहीं है। उनके साथ खुलेआम छेड़खानी की जाती है। यदि विरोध जताया जाता है, तो उनके साथ मारपीट तक की जाती है। बड़े-बड़े गिरोह अपना सर उठा रहे हैं। दिन-दहाड़ें घर का घर लूट लिया जाता है। पुलिस हाथ बाँधे खड़ी रहती है। चोरी, डकैती, लूटमार, हत्या इत्यादि मामलों में दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हुई है।
 अपराध की समाप्ति के लिए सरकार ने कई नियम बना रखे हैं। इन नियमों के अंतर्गत अपराधियों को सजा दी जाती है। प्रत्येक अपराध को समाप्त करने के लिए मृत्युदंड का प्रावधान निसंदेह सही नहीं है। अपराध  छोटा या बड़ा भी हो सकता है। अपराध की गहनता को देखकर ही सजा का प्रावधान है। केवल मृत्युदंड देने से अपराध समाप्त नहीं हो सकता। अपराध समाप्ति के लिए समाज को शिक्षित और  जागरूक होना पड़ेगा।

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