please tell me the difference between yogic snd yogroodh shabd and tatsam and tatbavh and deshi and videshi shabd and vikari and avikari

प्रिय मित्र,

तत्सम शब्द :- तत्सम का अर्थ है तत् (उस) + सम (समान) उस संस्कृत के समान। तत्सम शब्द, वे शब्द कहलाते हैं जो संस्कृत भाषा से लिए गए है व बिना किसा बदलाव के हिंदी भाषा में प्रयुक्त किए जा रहे हैं; जैसे - सूर्य, मस्तिष्क, अग्नि, नृत्य आदि।
तद्भव शब्द :- तद्भव का अर्थ है 'तत्' (उससे) + 'भव' (पैदा हुए) अर्थात् उस संस्कृत से पैदा हुए शब्द। वे शब्द जो संस्कृत भाषा के शब्द से विकसित (पैदा हुए) हुए है, तद्भव शब्द कहलाते हैं; जैसे -कुकूर से कुत्ता


अविकारी शब्द:-जिन शब्दों में कोई विकार उत्पन्न नहीं होता है, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। अव्ययों को ही अविकारी शब्द कहते हैं। जैसे- आजकल, यहाँ
  विकारी शब्द :-जिन शब्दों में लिंग, वचन तथा काल के प्रभाव से अपना स्वरूप बदल लें, वे विकारी शब्द कहलाते हैं। अव्ययों को ही अविकारी शब्द कहते हैं। जैसे- हम, मुझे ,मैंने इत्यादि।


योगरूढ़  शब्द:- वे शब्द यौगिक होते हुए भी विशेष या परम्परागत अर्थ देते हैं, योगरूढ़ कहलाते हैं ।इनके सार्थक खण्ड किए जा सकते हैं । जैसे--पंकज, चारपाई आदि ।
यौगिक शब्द: -'योगिक' अर्थात योग से बनने वाला । वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बनते हैं ।जैसे--रसोईघर राजप्रसाद आदि ।

देशज शब्द – वे शब्द जिनके व्युत्पत्ति की जानकारी नहीं है बोल चाल के आधार पर स्वत: निर्मित हो जाते है ;उसे देशज शब्द कहते है | इन्हे देशी शब्द  भी कहा जाता है |
विदेशी शब्द – जो शब्द विदेशी भाषा के हैं ; परंतु हिंदी में उन शब्दों का प्रचलन हो रहा है | ऐसे शब्द विदेशी शब्द कहे जाते हैं | विदेशी शब्द हिंदी भाषा में इस प्रकार घुल –मिल गये है कि उनको पहचानना मुश्किल है |

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please answer this expert fast????????
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hmmmmm......good question 
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