Please tell !me the summary of kshitij hindi chapter 6
मित्र प्रेमचंद की पुरानी फोटो को देखकर लेखक ने जो समझा और जाना उसे 'प्रेमचंद के फटे जूते' नामक कहानी के रूप में उतार दिया है। यह पाठ भारत के लेखकों की दुर्दशा का वर्णन करता है। साथ ही यह उन्हें पथभ्रष्ट होने और झूठे मान-सम्मान के पीछे भागने से रोकता है। लेखक के अनुसार प्रेमचंद की हालत अवश्य खराब थी परन्तु उन्होंने कभी अपने लेखन कार्य से समझौता नहीं किया। उन्होंने अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाया और समाज का पथ-प्रदर्शन किया। यह कहानी मनोरंजन या व्यंग्य कसने के लिए नहीं लिखी गई है बल्कि लेखकों और लोगों के आगे सत्य का उद्घाटन करने के लिए लिखी गई है। इसलिए यह रचना हरिशंकर परसाई जी की अन्य रचनाओं से बहुत ही अलग है।