Pls ans it

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
कवयित्री ने आकाश के तारों को स्नेहरहित नहीं कहा है। कवयित्री ने संसार रूपी आकाश में तारे रूपी मनुष्य को स्नेहरहित कहा है। उनमें ईश्वर की आस्था समाप्त हो गई है। वह दुखों से इतने आहत हो गए हैं कि ईश्वर के प्रति उनकी भक्ति तथा आस्था कम हो गई हैं।

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