PLZ PROVIDE LOKOKTIYAN AS WELL WITH MUHAVREY...........

मित्र हम आपको लोक्तियाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। इस अपने पास संभाल कर रखिए। ये आपके काम आएगी-

1. अंत भला तो सब भला :- अच्छे काम का अंत अच्छा होता है।-किसी ने सही कहा है अंत भलत तो सब भला।

2. अपनी-अपनी ढ़पली, अपना-अपना राग :- (प्रत्येक की अपनी अलग-अलग विचार होना) इस घर में कोई किसी की नहीं सुनता सबकी अपनी-अपनी ढ़पली, अपना-अपना राग है।

3. अंधो में काना राजा :- (मूर्खों में थोड़ा पढ़ालिखा भी विद्वान माना जाता है) इन सब कम पढ़े लिखे लोगों से तो तुम ठीक हो - अंधो में काना राजा होता है।

4. अंधा क्या चाहे दो आँखे :- (इच्छित वस्तु का मिलना) शोभा को नौकरी की तलाश थी तभी अचानक उसे स्कूल में नौकरी मिल गई - अंधा क्या चाहे दो आँखे।

5. अघजल गगरी छलकत जाए :- (कम ज्ञान वाले व्यक्ति अधिक दिखावा करते हैं) उसे पढ़ना लिखना अधिक नहीं आता है परन्तु अधिक पढ़ा-लिखा होने का दिखावा करता है - अघजल गगरी छलकत जाए।

6. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत :- (बीत जाने पर पछताने से क्या फायदा) जब इम्तिहान का समय था तब तुमने पढ़ाई नहीं की और इम्तिहान के बीत जाने के बाद चिंता हो रही है, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।

7. आँख का अंधा नाम नैन सुख :- (नाम के जैसा काम नहीं) उसका नाम शांति है पर हमेशा लड़ती झगड़ती रहती है - आँख का अंधा नाम नैन सुख।

8. आ बैल मुझे मार :- (जान बूझकर विपत्ति मोल लेना) पहले तो युद्ध में उसे खुद बुलाया और अब डर लग रहा है, यह तो वही बात हो गई आ बैल मुझे मार।

9. आगे कुआँ पीछे खाई :- (सभी तरफ़ विपत्ति का होना) तुम्हारी बात मानता हूँ तो उससे मार खानी पड़ेगी और अगर उसकी बात मानुगाँ तो तुम मुझे नहीं छोड़ोगे। मेरे आगे कुआँ है और पीछे खाई है।

10. आग लगने पर कुआँ खोदना :- (मुसीबत आ जाने के बाद उपाय ढूंढ़ना) पहले तो तुम खेलते रहे और अब जब परीक्षा का समय नज़दीक आ गया है तब तैयारी करने चले हो, आग लगने पर कुआँ खोद रहे हो।

11. अंधेरे घर का उजाला :- (घर का अकेला लाड़ला) राहुल अपने माँ बाप के अंधेरे घर का उजाला है।

12. ओखली में सिर दिया है तो मूसलों से क्या डर :- (कठिन काम शुरू करने के बाद मुसीबतों से डर नहीं लगता) इतने बड़े गुंण्डे को जब सजा दिलवाने की ठान ही ली है तो कष्टों से क्यों घबरा रहे हो।

13. अपना उल्लू सीधा करना :- (अपना स्वार्थ सिद्ध करना) रोहित हमेशा अपना उल्लू सीधा करने में लगा रहता है।

14. कंगाली में आटा गीला :- (एक कष्ट पर दूसरा कष्ट) एक तो परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया ऊपर से स्कूल से निकाल दिया गया कंगाली में आटा गीला।

15. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे :- (दोषी व्यक्ति का निर्दोष को डाँटना) मैं तुमसे अपने पैसे माँग रहा हूँ और तुम मूझी को डाँट रहे हो - उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।

16. खोदा पहाड़ निकली चुहिया :- (अधिक परिश्रम करने पर कम फल मिलना) इतना मेहनत करने पर भी परीक्षा में नम्बर कम आए - खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

17. कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली :- (दो व्यक्तियों की प्रतिष्ठा में अंतर) तुम कुछ भी कर लो मुझ जैसा बिल्कुल भी नहीं बन सकते − कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली।

18. न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी :- (मुसीबत के कारण को ही नष्ट कर देना) दोनों परिवारों में इस दीवार को लेकर लड़ाइयाँ हो रही है तो इस दीवार को ही तोड़ दो - न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।

19. एक पंथ दो काज :- (एक ही काम से दो लाभ) अपने दोस्त से मिलने गया था। वहीं पर उनसे अपने व्यवसाय के लिए कुछ रूपए भी ले लिया − एक पंथ दो काज हो गए।

20. बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद :- (अयोग्य को किसी मुल्यवान वस्तु की पहचान नहीं होती) तुम्हें नहीं पता यह घड़ी कितनी कीमती है। इसीलिए इसे गंदा कह रहे हो - बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।

21. घर की मुर्गी दाल बराबर :- (अपनी चीज़ की कोई कद्र नहीं होती) तुम्हारी बड़ी बहन खुद इतनी पढ़ी-लिखी है और तुम पढ़ने के लिए किसी और के पास जाते हो। यह तो वही बात हो गई - घर की मुर्गी दाल बराबर।

22. दाल-भात में मूसरचंद :- (हर बात में टांग अड़ाने वाला) हम दोनों आपस में पढ़ाई के विषय पर बात-चीत कर रहे थे कि उसी समय शीला दाल-भात में मूसरचंद जैसी आ गई।

23. साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे :- (काम भी हो जाए और कोई हानि भी न हो) अपने दुश्मन को सज़ा देने का कोई ऐसा उपाए सोचो जिससे साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।

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