वार्षिक खेलकूद दिवस के अवसर पर उम्मीद के प्रतिकूल आपका सदन हार गया . इस हर की वेदना को अपने शब्दो मे व्यक्त कीजीए.

plz respond soon before 4th jan

नमस्कार मित्र,

आपके द्वारा दिए गए पत्र का उत्तर इस प्रकार से है-

 

परीक्षा भवन,

नई दिल्ली।

दिनाँक: ..................

 

प्रिय मित्र बलबीर,

बहुत प्यार!

बहुत दिनों से तुम्हें पत्र लिखना चाह रहा था परन्तु समय की कमी के कारण नहीं लिख पाया। मित्र इस बार तुम्हारी कमी बहुत खली। कल हमारे विद्यालय में खेलकूद की वार्षिक प्रतियोगिता थी। इसमें विद्यालय के चार सदनों ने भाग लिया था। मेरे सदन में  सभी विद्यार्थी खेलकूद में बहुत अच्छे हैं। हमारे सदन के सभी अध्यापकों और अध्यापिकाओं को हमसे बहुत आशाएँ थी। हमें भी इस बात का पूरा विश्वास था कि हम खेलकूद में सभी खेलों में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करेंगे। लेकिन कई बार जो सोचा जाए आवश्यक नहीं कि वही हो। हमने अंहकारवश अन्य सदन के विद्यार्थियों की योग्यता और परिश्रम को कम आंका।

एक सदन जिसे सबसे कमज़ोर विद्यार्थियों का समूह माना जाता था। उन्होंने इस प्रतियोगिता में अभुतपूर्व कौशल का प्रदर्शन किया। हमारे सभी दिग्गज खिलाड़ी उनके सामने घुटने टेकते नज़र आए। मेरे प्रयास से हम दौड़-प्रतियोगिता में प्रथम स्थना प्राप्त कर पाए परन्तु उनकी तुलना में हमारा प्रदर्शन नगण्य ही रहा। यह दुख मेरे मन को आहत कर रहा है। यदि हमारे समूह के सभी विद्यार्थियों ने पूरी लगन के साथ अभ्यास किया होता, तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता। हमारे सदन की इस अप्रत्याशित हार को भुलाया नहीं जा सकता है। गत वर्ष हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा था। सबके द्वारा हमें सराहा गया था। परन्तु इस बार अध्यापकों और अध्यापिकाओं के सम्मुख हमें शर्मिन्दा होना पड़ा।

तुम्हारा मित्र,

विक्रम

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