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Plz sumone give me bhavartha of this...urgently.....meaning of whole poem.name of the poem "yeh danturit muskan"
 

'यह दंतुरित मुसकान' कविता के माध्यम से कवि नागार्जुन ने अबोध बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को विभिन्न उदाहरणों के द्वारा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। कवि को बच्चे की मुसकान बहुत प्यारी लगती है। एक पिता के लिए उसके बच्चे की मुसकान सबसे प्रिय होती है। कवि के अनुसार बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य में ही जीवन का सच्चा सुख छिपा होता है। इस मुसकान में ऐसा जादू है कि इसे देखकर कठोर स्वभाव का व्यक्ति भी अपनी कठोरता को छोड़ देता है। यह मुसकान तब और प्यारी हो जाती है, जब बच्चे की चंचल नज़रें भी उसके साथ जुड़ जाती है। कवि को ऐसा सुख कहीं ओर प्राप्त नहीं होता है।

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