plz sumone reply too thissss sooon.....i want this....bhavartha (meaning) of this poem....reply fast.

 the bhavatha of nagarjun is

is kavita  mein hame bachcho ki muskurahat ke bare me kaha he.Kavi ne bataya he ki bachco ki muskurahat kisi  bhi mrut prani ko bhi jinda kar sakti hai.Unhone bachche aur badon ki muskurahat ka antar bhi samjhaya hain.hame iss kavita se bache kab haste hain  aur bade kab haste hain ye bhi pata chalta hai.hame es kavita se ye prarna milti hai ki badon ki tarah kabhi krutagn hokar mat haso hamesha bachcho ki tarah khulkar haso.

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which poem

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 yea

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thnk u yaar.:)

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yeh danturit muskan

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नमस्कार मित्र!
हमारे मित्र ने बहुत अच्छा उत्तर दिया है। आपकी और सहायता के लिए हम भावार्थ दे रहे हैं-
 
कवि को बच्चे की मुसकान बहुत प्यारी लगती है। एक पिता के लिए उसके बच्चे की मुसकान सबसे प्रिय होती है। कवि के अनुसार बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य में ही जीवन का सच्चा सुख छिपा होता है। इस मुसकान में ऐसा जादू है कि इसे देखकर कठोर स्वभाव का व्यक्ति भी अपनी कठोरता को छोड़ देता है। यह मुसकान तब और प्यारी हो जाती है, जब बच्चे की चंचल नज़रें भी उसके साथ जुड़ जाती है। कवि को ऐसा सुख कहीं ओर प्राप्त नहीं होता है।
कवि के अनुसार फसल को तैयार करने में किसी एक के योगदान को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है। वह बहुत तत्वों के आपसी सहयोग के कारण खड़ी होती है। उसका सबसे बड़ा योगदान मिट्टी का है, जो उसको अपने अलग-अलग गुण धर्मों से स्वरूप देती है। उस किसान का है, जो उसमें बीज डालता है और उसे अपने कड़े परिश्रम से आकार देता है। उस नदी का है, जो उसे पनपने के लिए जल देती है। सूरज की किरणों का है, जो उसे ऊर्जा देता है और उस हवा का है, जो खड़ी फसल में थिरकन देता है। उसके अनुसार यह फसल मनुष्य और प्रकृति के आपसी योगदान का साक्ष्य है।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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