plzzz give me the summary of baj aur saap !!!!! plzzz class 8 chapter 17

'बाज और साँप' पाठ मनुष्य को प्रेरणा देता है कि उसको जीवन में स्वतंत्रता और संघर्ष के मूल्य को समझना चाहिए। जो मनुष्य जीवन में अपनी स्वतंत्रता के प्रति जागरूक रहता है और संघर्ष करने से डरता नहीं है, वह आगे चलकर समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है। लेखक निर्मल वर्मा इस कहानी में बाज और साँप के माध्यम से अपनी बात को स्पष्ट करते हैं। बाज साहसी और निडरता से जीवन व्यतीत कर रहे वीर का बोध करता है, तो साँप गुलामी में लिपटे मूर्ख का। साँप नदी के किनारे एक अंधेरी और गंध से युक्त गुफा में अपने जीवन को बड़ा सुखी मानता है। एक दिन घायल बाज उसके जीवन में हलचल पैदा कर देता है। बाज को अपनी स्वतंत्रता भरी उड़ान से प्यार है। वह अपने अंतिम क्षणों में भी आखिरी प्रयास कर आकाश की ऊँचाइयों को छूना चाहता है। साँप पहले तो बाज को मूर्ख समझता है। उसका मन-ही-मन मज़ाक उड़ाता है। बाज द्वारा आकाश में उड़ने के लिए आखिरी प्रयास करना और अपने प्राणों का बलिदान देना, साँप को अंदर तक हिलाकर रख देता है। साँप उसके संघर्ष से प्रेरित होकर एक बार प्रयास करता है। बाज के संघर्ष ने साँप को एक नई दिशा प्रदान की है। साँप एक पल के लिए ही सही परन्तु अपने सड़े-गले जीवन से निकलने का प्रयास अवश्य करता है। लहरें बाज के इसी बलिदान पर उसके लिए विजयगान गाती है। क्योंकि उसके प्रयास से औरों को नई दिशा प्राप्त हुई है। 

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