Prachhin bharat ma vastu vinimay per annuched

मित्र वस्तु विनिमय से तात्पर्य लेन-देन के लिए रूपए-पैसों के स्थान पर एक वस्तु का दूसरी वस्तु से क्रय-विक्रय करना है इस प्रकार  की वस्तु विनिमय की पद्धति प्राचीन काल में प्रचलित थी। तब लोग अन्न के बदले अन्य किसी भी (खाने पीने कपड़े) वस्तु से आदान-प्रदान करते थे। पहले जब मुद्रा का चलन नहीं था तब एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु ली जाती थी। जैसे किसी के पास गेहूं का उत्पादन अधिक होता है, तो वह गेहूं के बदले सब्जी, दाल, खाने का अन्य सामान अथवा कोई भी अन्य वस्तु लेता था। यही वस्तु विनिमय है। वस्तु विनिमय की पद्धति के स्थान पर आजकल मुद्रा विनिमय प्रचलन में है। मुद्रा के बदले में वस्तु बेची जाती है।  

  • -1
What are you looking for?