???????? pradhushan essay for speech
प्रदूषण आज हमारे चारों तरफ फैला हुआ है। वह चाहे वायु प्रदूषण हो, जल प्रदूषण हो या फिर भूमि प्रदूषण हो। किसी-न-किसी रूप में विद्यमान है। प्रदूषण की समस्या मानव जीवन के ऊपर सबसे बड़ा खतरा है। इससे निपटने के लिए हमें जल्द ही ठोस कदम उठाने पड़ेगें। वाहनों से निकलने वाले धुएँ ने पर्यावरण को दूषित कर दिया है। मकानों के निर्माण के लिए मनुष्य ने वनों को काटना आरंभ कर दिया है। मनुष्य ने अपशिष्ट पदार्थों को नदियों में डालकर उनके जल को प्रदूषित कर दिया है। यहाँ तक उन्होंने फैक्टरियों से निकलने वाले हानिकारक पदार्थों और कचरे से भी पृथ्वी तथा जल दोनों को प्रदूषित कर दिया है। हर तरह के प्रदूषण के लिए मनुष्य ही हर बार मुख्य दोषी पाया गया है। वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण ने मनुष्य में साँस संबंधी ह्दय संबंधी आदि बीमारियों को पैदा किया है। जल प्रदूषण से जहाँ मनुष्य स्वयं संकट में पड़ा है, वहीं उसने वन्य प्राणियों और जलीय जीवों के लिए भी संकट पैदा कर दिया है। अनेक प्रकार की समस्याएँ इस प्रदूषण के कारण मुँह फाड़े खड़ी हैं।