prakash alankar kya hai??
अलंकार में प्रकाश अलंकार कोई अलंकार नहीं होता है। एक अलंकार है, जिसे पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार कहा जाता है। इसमें एक शब्द की आवृत्ति उसी रुप में दोबारा होती है। जैसे-
अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत-
इस काव्यांश में अभी-अभी पुरुक्ति प्रकाश अंलकार है।