Prakriti ka Anurag anchal kise jaha Gaya hai ?is visay mein kavi ke manobhavo Ko spasht kijiye .in chapter Chandra gehna se Lotte ber .

प्रिय , कवि ने प्रकृति का आंचल कई जगह गाया है। जब कवि खेतों में लगे पौधों का वर्णन करता है तो वह उनकी तुलना किसी न किसी मनुष्य से करता है। चने के पौधे में कवि को गुलाबी पगड़ी पहने ठिगना आदमी दिखता है। अलसी के पौधे में कवि को कोई हठीली युवती दिखती है। सरसों के पौधे में कवि को सजी धजी दुल्हन दिखाई देती है।

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