praktike pratipehle aur aabke hamare ravaiye mein kya antar aagaya hai? hamare vyavhar mein aayeiss parivartan ka prakritipar kya prabhavpada hai? (ab kahadusronke dukh mein dukhi hone wale ' path ke atharpar apne vichar likho. (5 mark s)
पहले मनुष्य और प्रकृति के मध्य आत्मिक संबंध था। दोनों में परस्पर प्रेम था। मनुष्य प्रकृति को देवी के समान समझता था। परन्तु आज का मनुष्य स्वार्थ से ग्रस्त हो गया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि उसने स्वार्थ में अंधे होकर प्रकृति का दोहन किया है। जिससे प्रकृति में असंतुलन होने लगा है।