prem rudhiyon ka bandhan nahi manta. tantara vamiro katha ke aadhar par spast kigiye
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
यह सही कहा है कि प्रेम रूढ़ियों को नहीं मानता है। प्रेम मानता है, बस स्नेह का बंधन। तताँरा और वामीरो दोनों के मध्य स्नेह का बंधन था। रूढ़ियाँ उनके प्रेम के आड़े तो आई मगर उन्हें अलग न कर सकीं। शरीर से शायद वे अलग-अलग हो गए थे मगर आत्मा उनकी एक-दूसरे के साथ थी।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
यह सही कहा है कि प्रेम रूढ़ियों को नहीं मानता है। प्रेम मानता है, बस स्नेह का बंधन। तताँरा और वामीरो दोनों के मध्य स्नेह का बंधन था। रूढ़ियाँ उनके प्रेम के आड़े तो आई मगर उन्हें अलग न कर सकीं। शरीर से शायद वे अलग-अलग हो गए थे मगर आत्मा उनकी एक-दूसरे के साथ थी।