Q.3
Please answer fast
मित्र!
हम एक बार में एक ही प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं। आप अपने प्रश्न दुबारा पूछ सकते हैं।
रंग-रूप के आधार पर मनु के पिता ने उनकी तुलना उनकी दीदी से की क्योंकि दीदी गोरी थी और लेखिका काली थी। यह बिलकुल भी उचित नहीं था। रंग और रूप कोई ऐसे चीज़ नहीं है कि जिसे बनाने में मनुष्य का हाथ हो। हमारे कर्मों के लिए ही हम दोषी हो सकते हैं, पर जो चीज़े हमने नहीं बनाई उसके लिए हम दोषी नहीं हो सकते। पिता जी को अगर तुलना करनी थी, तो पढ़ाई-लिखाई या किसी और बात में कर सकते थे। रंग-रूप में तुलना बिलकुल भी सही नहीं है।
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रंग-रूप के आधार पर मनु के पिता ने उनकी तुलना उनकी दीदी से की क्योंकि दीदी गोरी थी और लेखिका काली थी। यह बिलकुल भी उचित नहीं था। रंग और रूप कोई ऐसे चीज़ नहीं है कि जिसे बनाने में मनुष्य का हाथ हो। हमारे कर्मों के लिए ही हम दोषी हो सकते हैं, पर जो चीज़े हमने नहीं बनाई उसके लिए हम दोषी नहीं हो सकते। पिता जी को अगर तुलना करनी थी, तो पढ़ाई-लिखाई या किसी और बात में कर सकते थे। रंग-रूप में तुलना बिलकुल भी सही नहीं है।