Q8 (ii) Dharm ki Aad

मित्र पूजा-पाठ करने वाला या नमाज़ पढने वाला व्यक्ति भला होगा, ये जरूरी नहीं है। भलमनसाहत मनुष्य के आचरण से तय होता है, जो मनुष्य सज्जन होता है और हमेशा दूसरों का भला सोचता है वही भलमनसाहत की कसौटी पर खरा उतरता है। ऐसे व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और उसे समाज हमेशा सम्मान देता है। ऐसे व्यक्ति के उपर सभी लोग भरोसा रखते हैं।

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