Question 1,2,3

1 - निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नो के उत्तर दीजिए -
रस्सी कच्चे धागे की खींच रही मैं नाव।
जाने कब सुन मेरी पुकार,करें देव भवसागर पार।
पानी टपके कच्चे सकोरे ,व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।
जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।

1 - कवयित्री `देव` से क्या आशा लगाए हुए है ?
2 - कवयित्री क्या प्रयास कर रही है और वे किस तरह व्यर्थ हो रहे हैं ?
3 - कवयित्री के मन में रह-रह कौन सी हूक उठती है ?
 

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