question 6

मित्र!

आपका उत्तर इस प्रकार है-

कबीर दास ने धार्मिक आडम्बरों, समाज में फैले अन्धविश्वास, कुरीतियों, ढोंग, जाति-पाति के झूठे नियमों पर लिखा है। उन्होंने समाज में फैली बुराइयों के विरुद्ध लिखा है। बिहारी भक्ति, श्रृंगार और प्रेम के दोहे लिखते थे। उन्होंने भी समाज के नीति-नियमों, व्यवहार, लोक-लज्जा पर लिखा है। 

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