Question no. 3 page no.40

३. लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे टिकेट बाबु और कंडक्टर की अच्छाई और इमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए।
किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के काम किए हों।+

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
मेरे पापा ने अपने कार्यालय के एक मित्र के लिए ऐसा कार्य किया था। पापा ने अपने मित्र के बेटे के दाखिले के लिए दो लाख रुपए दिए और इसमें पापा का कोई स्वार्थ नहीं था। पापा नहीं चाहते थे कि पैसे की कमी से उनका होनहार बेटा आगे पढ़ाई न करे। आज पापा के दोस्त का बेटा बहुत बड़ा अफसर है। वे हमारे घर आते हैं और मेरे पापा को बहुत मानते हैं। 

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I will anwer
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