Question:
लिखित और मौखिक भाषा के लाभ और हानि के बारे में लिखें।
मित्र!
हम आपको इन भाषाओं के लाभ दे रहे हैं। हानियाँ आप स्वयं सोचकर लिखिए। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा और लेखन कौशल बढ़ेगा।-
मनुष्य अपने विचारों और भावों को प्रकट करने के लिए दो प्रकार से भाषा का प्रयोग करता है। वह या तो लिखता है या तो बोलता है। जब वह अपने मन की बातों या विचार को लिखता है, तो वह लिखित भाषा की श्रेणी में आती है। लिखित भाषा का प्रयोग करके मनुष्य ने अपने इतिहास को संजोकर रख पाया है। इस तरह मनुष्य ने लिखित भाषा के माध्यम से ज्ञान को संचित करना सीखा। माैखिक
भाषा सबसे पहले अस्तित्व में आई। क्योंकि मनुष्य ने लिखना बहुत बाद में सीखा था। वह अपने मन के भावों और विचारों को व्यक्त करना चाहता था। परन्तु भाषा न होने के कारण वह ऐसा कर नहीं पाया। धीरे-धीरे उसने इसमें महारत्त हासिल की और बोलना सीखा। मुख से बोलने के कारण यह मौखिक भाषा कहलाई। जब तक लिखित भाषा आविष्कार नहीं हुआ था, तब तक वह अपने ज्ञान को कंठस्थ करता था। इस तरह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मौखिक रूप में ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाता था।
हम आपको इन भाषाओं के लाभ दे रहे हैं। हानियाँ आप स्वयं सोचकर लिखिए। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा और लेखन कौशल बढ़ेगा।-
मनुष्य अपने विचारों और भावों को प्रकट करने के लिए दो प्रकार से भाषा का प्रयोग करता है। वह या तो लिखता है या तो बोलता है। जब वह अपने मन की बातों या विचार को लिखता है, तो वह लिखित भाषा की श्रेणी में आती है। लिखित भाषा का प्रयोग करके मनुष्य ने अपने इतिहास को संजोकर रख पाया है। इस तरह मनुष्य ने लिखित भाषा के माध्यम से ज्ञान को संचित करना सीखा। माैखिक
भाषा सबसे पहले अस्तित्व में आई। क्योंकि मनुष्य ने लिखना बहुत बाद में सीखा था। वह अपने मन के भावों और विचारों को व्यक्त करना चाहता था। परन्तु भाषा न होने के कारण वह ऐसा कर नहीं पाया। धीरे-धीरे उसने इसमें महारत्त हासिल की और बोलना सीखा। मुख से बोलने के कारण यह मौखिक भाषा कहलाई। जब तक लिखित भाषा आविष्कार नहीं हुआ था, तब तक वह अपने ज्ञान को कंठस्थ करता था। इस तरह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मौखिक रूप में ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाता था।